देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
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क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
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